सोमवार, 24 अप्रैल 2023

ओ आदमी रो जीव..

चारि-मेरां गोल घूमे रे देखो 
ओ आदमी रो जीव..
थारी-मारी खूब करे रे देखो
ओ आदमी रो जीव..
आँटा-साँटा न्याव करे रे देखो
ओ आदमी रो जीव..
दाणा खातर दौड़ फरे रे देखो 
ओ आदमी रो जीव..
करमा-धरमा ब्याज भरे रे देखो
ओ आदमी रो जीव..
मगरां-जगरां कूद पड़े रे देखो
ओ आदमी रो जीव..
नाच्यो-नाच्यो जोर फरे रे देखो
ओ आदमी रो जीव..
किनख्यां-मिनख्यां भाग छूटे रे देखो
ओ आदमी जीव..

~अक्षिणी

शनिवार, 22 अप्रैल 2023

तेरी मेरी कहानी..

ये तेरी-मेरी कहानी,
वादे-वफा, वस्ल-ओ-दीदार,
फुरकत कभी फितरत,
अदावत या कि ज़ुर्रत..
जो भी है..
ताकयामत मुहब्बत की कहानी..
मेरी-तेरी जुबानी..

~अक्षिणी

यूँ सवालों में..

यूँ सवालों में कट रही है,
ये जवाबों से हैरान ज़िंदगी..
किश्तों में गुजर रही है,
हिसाबों से बेजु़बान ज़िंदगी..

ख़यालों में खो गई है कहीं,
ख़्वाबों से पशेमान ज़िंदगी..
यूँ ख़ारों को जी रही है,
गुलाबों से लहुलुहान ज़िंदगी..

कितने हिस्सों में बँट गई है,
हो के समझदार ज़िंदगी..
किस्सों-किस्सों में जी रहे हैं,
हो के यूँ मेहरबान ज़िंदगी..

कि हवालों में बिक रही है,
तकाज़ों से परेशान ज़िंदगी..
तेरे शानों पे मिल गई है,
कि ज़मीं को आसमान ज़िंदगी..

~अक्षिणी


रविवार, 16 अप्रैल 2023

उड़ चलो..

काँटों पर भरें आह क्या?
मुश्किलों की परवाह क्यों?
फैसलों पे हौसले हो,
हौसलों पे विश्वास तो..
तोड़ दो बेड़ियाँ,
खोल दो पाँखें तुम..
मोड़ दो रुख हवाओं के..
कर लो आसमां मुठ्ठी में..
करो इरादे बुलंद..
उठो..उड़ चलो..

~अक्षिणी

सोमवार, 3 अप्रैल 2023

दाता राम..

दाना राम उगाने वाला 
दाना राम खिलाने वाला
अपने हाथ न एक निवाला..

नाता राम निभाने वाला
दाता राम मिटाने वाला
अपने बस में पानी न धारा..

दाता राम छिपाने वाला
दाता राम दिखाने वाला
अपने हाथ न कोई उजाला..

दाता राम उठाने वाला
दाता राम गिराने वाला
अपने हाथ है चलते जाना..

राम राम सा..🙏