बुधवार, 22 अप्रैल 2020

तेरी हो के मेरी..

गलत नहीं,ना सही,दुनिया में शै कोई,
बात आदत की है,फिर तेरी हो के मेरी..

मुश्किल हालात सही,फूल बारात नहीं,
बात हिम्मत की है,फिर तेरी हो के मेरी..

तू नहीं, ना सही, यूँ कभी मेरे साथ कहीं,
बात फितरत की है,फिर तेरी हो के मेरी..

तल्ख अल्फाज़ सही, सख़्त अंदाज सही,
बात कीमत की है, फिर तेरी हो के मेरी..

सुबह नहीं,ना सही, स्याह बस रात सही, 
बात किस्मत की है, फिर तेरी हो के मेरी..

अक्षिणी ..

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