आज मिले थे वो
मिले तो खैर क्या
बस दिखे थे वो
सब कहीं थे वो
खिली मुस्कान लिए
गालों पर रंग लाल लिए
उम्मीद से देखते हुए
नजर को तरसते हुए
सब चले जा रहे थे
बिना कोई भाव दिए
कौन पूछता?
कल
उड़ रहे थे हवा में जो
आज
ज़मीं पे आ गिरे
वक्त किसी का कब हुआ
फिर वो
आदमी हो या टमाटर..😋
अक्षिणी
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