आइए..
दीप जलाएं..
जो तिमिर हरे ,
वो जोत जगाएं..
स्वस्ति की पायल छनकाएं,
लक्ष्मी की झांझर
झनकाएं..
धनधान्य भरें और
मनमालिन्य हरे..
आइए..
दीप जलाएं..
स्नेह के , प्रीत के,
ज्ञान की जीत के,
उजियारे घर ले आएं..
आइए दीप जलाएं..
घर आँगन,भीतर बाहर,
सब नगर डगर,
हर दहलीज सजाएं..
आशा की जोत जगाएं
आइए..
दीप जलाएं..
शुभ हो,मंगल गाएं,
रोशन हो फिर ,
दसों दिशाएं..
दीपावली की
शुभकामनाएं..
अक्षिणी
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