शुक्रवार, 23 मार्च 2018

दोहरे प्रतिमान..

धन्य हो संसार,
कितने दोहरे प्रतिमान
कहने को देवी का नाम,
न मान न सम्मान,
न मुझ पर अभिमान
पग-पग अपमान,
तिल-तिल तिरस्कार,
झूठा नारी पे अहसान

अक्षिणी

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