धन्य हो संसार, कितने दोहरे प्रतिमान कहने को देवी का नाम, न मान न सम्मान, न मुझ पर अभिमान पग-पग अपमान, तिल-तिल तिरस्कार, झूठा नारी पे अहसान
अक्षिणी
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