शनिवार, 3 मार्च 2018

मन..

मन के माने,
मन ही जाने..
मन के नाते,
मन पहचाने..

मन की बातें,
मन ही सुनाए..
मन ना माने,
मन के मनाए..
मन के धागे ,
मन उलझाए..
मन की गिरहें,
मन सुलझाए..

मन की तरंगे,
मन छू जाएं..
मन की उमंगें,
मन बहलाएं..
मन आशा की धूप छूए
और चाहों के पंख लगाए..

मन के बंधन,
मन को बांधे..
मन बेचारा,
मन को साधे..
मन के दरस को,
मन तरसे और
मन के परस से,
मन हरषा जाए ..

अक्षिणी

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