शनिवार, 24 सितंबर 2022

पन्ना कागज का..

सुनता है मेरी, सहता है मेरी,
मुझ सा ही कहता है मेरी..
पन्ना कागज का..
बहता है मन जब, कहता है मन जब,
सुख-दुख के मोती, गहता है ये सब..
पन्ना कागज का..
अपना सा लागे, मन सा ये भागे..
बिरहा की रातें मुझ संग ये जागे..
पन्ना कागज का..
पन्ना कागज का..
चहका है कभी, दहका है बहुत,
खुशबू से मेरी बहका है बहुत..
पन्ना कागज का..

कल के सपने, कल के दुखड़े..
देखे सब, दिखलाए आज के दुखड़े..
पन्ना कागज का..
डरता ही नहीं, मरता ही नहीं..
जीवन से जी इसका भरता ही नहीं..
पन्ना कागज का..
पन्ना कागज का..

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