शुक्रवार, 15 अक्तूबर 2021

दशहरा..

किस बात का दशहरा?
नपुंसकों की जय है
नरभक्षियों का समय
न राम ने आना 
न रावण का मारा जाना
न गीता का गान कहीं
न सीता का मान कहीं
रावण तो रावण 
पुतला तक न जला पाना
न देवियों को चिंता कोई
न देवों का जग से नाता
किस बात का जय घोष?
कैसा धर्मक्षेत्र?
कैसा धर्मयुद्ध?
किस बात का दशहरा?

~अक्षिणी

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