शुक्रवार, 15 अक्टूबर 2021

दुहाई..

है अगर ये अपनी सरकार तो 
पराई क्या होगी?
राजधानी में चल रही तलवार तो 
दुहाई क्या होगी?

भड़कने दी जो आग,अब 
कड़ाई क्या होगी?
पाल लिए बाहों में साँप,
लड़ाई क्या होगी?

उठ रही नासूर से सड़ांध,
दवाई क्या होगी?
भलाई की खा रहे मात,
बुराई क्या होगी..?

~अक्षिणी

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें