रविवार, 6 जून 2021

क्षमाएँ..

क्षमाएँ..
जो प्रतीक्षारत हैं सदियों से
जो पंक्तिबद्ध हैं सदियों सें
क्षमाएँ..
अनभिज्ञ काल की गतियों से
बोझिल मन की बदियों से
क्षमाएँ..
जो माँगी नहीं गईं कभी
जो चाहीं नहीं गईं कभी
क्षमाएँ..
जो लज्जित हैं सुधियों से
जो शापित हैं त्रुटियों से
क्षमाएँ..
जो पहुँची नहीं गंतव्य को
जो समझी नहीं मंतव्य को
क्षमाएँ..
जो प्रतिक्षित थी नहीं कभी
जो अपेक्षित थी नहीं कभी
क्षमाएँ..
जो क्षमा माँगती रहेंगी सदा
जो क्षमाप्रार्थी रहेंगी सदा

~अक्षिणी..


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