शिकंजी उदयपुरी..
रविवार, 20 अक्तूबर 2024
वो फिर मिली..!
और वो फिर मिली....
शांत, सौम्य, क्षम्य..
और वो फिर मिला....
एकाकी,विवश,उद्विग्न..
और वो फिर मिला....
निःशब्द, निस्तेज,क्लांत..
और वो फिर मिला....
निःशब्द, निस्तेज नितांत..
और वो फिर देखती रही....
अपलक,हतप्रभ,स्तब्ध..
~अक्षिणी
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
पुरानी पोस्ट
मुख्यपृष्ठ
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें