इक खूबसूरत कशमकश है ज़िंदगी,
क्यूं ख़्वाहिशें दफन करें..?
कभी सेहरां तो कभी गुलशन ज़िंदगी,
मुस्कुरा कर बसर करें..
कभी सेहरां तो कभी गुलशन ज़िंदगी,
मुस्कुरा कर बसर करें..
तुम कश्तियों की बात कइरते हो,
आँसू किनारों पे ढलक आते हैं..
-अक्षिणी
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