शिकंजी उदयपुरी..
बुधवार, 23 नवंबर 2022
सुणी लीजे..
सुणी लीजे अरज म्हारा राम,
सुणी लीजे अरदास..
थारे नामे चाली म्हारा राम,
चाली म्हारी नाव..
सुणी लीजे हेलो म्हारो राम,
सुणी लीजे अरदास..
थु ही म्हारी राखे म्हारा राम,
छूटी मन री आस..
सुणी लीजे साँचा म्हारा राम,
सुणी लीजे अरदास..
~अक्षिणी
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