शिकंजी उदयपुरी..
बुधवार, 23 नवंबर 2022
सुणी लीजे..
सुणी लीजे अरज म्हारा राम,
सुणी लीजे अरदास..
थारे नामे चाली म्हारा राम,
चाली म्हारी नाव..
सुणी लीजे हेलो म्हारो राम,
सुणी लीजे अरदास..
थु ही म्हारी राखे म्हारा राम,
छूटी मन री आस..
सुणी लीजे साँचा म्हारा राम,
सुणी लीजे अरदास..
~अक्षिणी
शुक्रवार, 4 नवंबर 2022
कैसे होगा दिल्ली..?
राजधानी हो..
राजरानी बन राज पर अधिकार चाहिए..
पूरे विश्व में अकेली अपनी पहचान चाहिए..
सारे जहाज, सारी रेलगाड़ियाँ तुम्हें चाहिए..
मेट्रो-सेट्रो,हवाई अड्डे,जहाज
देशीय-अन्तर्देशीय बसों पर बहार चाहिए..
माल ढोने को ट्रकों का अंबार,
फिर टैक्सियाँ हजार चाहिए
हर आदमी को इक बड़ी कार
घर में दुपहिया-चौपहिया चार चाहिए
वातानुकूलन,शीतलक लगातार,
खाने में बीसियों व्यंजनों का भंडार चाहिए
हर रोज ताजा अखबार चाहिए
पड़ोसी पराली का प्यार चाहिए
फेफड़ों में हवा खुशबूदार चाहिए!
कैसे होगा दिल्ली..?
~अक्षिणी
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