तू कर्ण बन के जी
या पार्थ बन के जी
नव युवा ओ देश के
पुरुषार्थ कर के जी
प्रहलाद बन के जी
या श्याम बन के जी
नव युवा ओ देश के
श्रीराम कह के जी
तू धर्म बन के जी
या मर्म बन के जी
नव युवा ओ देश के
तू कर्म कर के जी
तू प्राण बन के जी
या मान बन के जी
नव युवा ओ देश के
नव प्रतिमान बन के जी
अक्षिणी