साम दाम भय भेद के परे
मेरे ईश्वर तेरी जय हो.
मेरे सच सब तू जाने और
मेरे भ्रम सब तेरे भ्रम हो.
मेरे दुख अब तेरे दुख हैं,
मेरे सुख स्वर तेरी लय हो.
मेरी चाहें तुझ तक पहूंचे,
मेरी सांसे तेरी मय हो.
मैं हारूं तो तू हारे और,
तेरी जय में मेरी जय हो.
मेरे वंदन तुझको अर्पण ,
मेरा मन अब तेरा दर्पण हो.
अक्षिणी भटनागर
Very nice
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