सोमवार, 21 मार्च 2022

फिर आज कविता..

पन्नों की चुनर,
कहने का हुनर,
मनोभावों के उलझी तारों पर,
शब्दों की नावें सजी-धजी सी,
कठपुतली सी नाच उठी है
फिर..
आज कविता जाग उठी है..

महकी सी छुअन,
हल्की सी चुभन,
जाग उठे हैं सोये संवेदन,
झंकृत ज्यों अनगिन स्पंदन,
मनमचली सी नाच उठी है
फिर..
आज कविता जाग उठी है..

बातों की खनक,
रातों की धनक,

किससे जाने क्या कह जाए,
ठहरे-सहमे महके या बह जाए,
इक डफली सी बाज उठी है..
फिर..
आज कविता जाग उठी है..

आँखों में चमक,
पाँवों में घमक,
सपने लेकर लाखों के अमर,
तपने को जाने कितने हैं समर,
घन बिजली सी गाज उठी है..
फिर..
आज कविता जाग उठी है..

#कवितादिवस

~अक्षिणी

बुधवार, 16 मार्च 2022

मीरा..प्रेम रंग राची..

मीरा..
प्रेम रंग राची..

भई बावरी मतवारी,
डगर-डगर,
नगर-नगर नाची..
मीरा..
प्रेम रंग राची

श्याम चुनरिया,
ओढ़ बावरिया
प्रीत रंग राची..
मीरा..

मोहन मुरलिया,
सोभन सुरतिया
मूरत मन सांची
मीरा..
प्रेम रंग राची..

विष अमरत कर,
नाम सुमिरत बस
कृष्ण रंग राची..
मीरा..
प्रेम रंग राची..

~अक्षिणी

सोमवार, 14 मार्च 2022

कोचिंग कथा..

पड़ोस का कोचिंग सेंटर पुनः खुल गया है..माध्यमिक - उच्चतर माध्यमिक स्तर के बच्चों का स्वागत समारोह चल रहा है,रंग बरसे भीगे चुनर वाली.. की स्वर लहरी पर किशोर-किशोरियाँ गुरुजन के साथ थिरक रहे हैं..अभिभावक निश्चिंत हैं..एक्स्ट्रा क्लास चल रही है..
कोचिंग संस्थानों के लिए कोई आचार संहिता नहीं है।इन्हें किसी न्यायालय में चुनौती नहीं दी जा सकती क्योंकि अतिमहत्वाकांक्षी माता-पिता स्वयं इन्हें प्रश्रय देते हैं।
स्कूल की मामूली फीस देने को पैसे नहीं हैं पर कोचिंग सेंटर पर चौगुनी फीस अग्रिम जमा करवा सकते हैं।
सारे साल कोचिंग सेंटर पर पढ़ने जा सकते हैं पर परीक्षा देने स्कूल नहीं आ सकते। कोरोना हो गया तो?
शिक्षा विभाग के कर्ता-धर्ताओं की भी मति भ्रष्ट हो गई है। परीक्षा के लिए ऑनलाइन विकल्प दिया जाए जी..
अरे भलेमानुसों..ऑनलाइन विकल्प उपलब्ध है तो कौन मूर्ख ऑफलाइन परीक्षा देगा?
कोरोना भी कमाल है..मॉल में नहीं होता..न पिक्चर हॉल में..न  मसूरी न नैनीताल में..न शादियों में न बैंक्वेट हॉल में..न स्टेडियम में न जिम-एक्जीबिशन हॉल में..
कोरोना होता है केवल स्कूल में इम्तिहान देते समय..
विचार कीजिए इस तरह बच्चों को सुविधाओं का दास, पिंजरे का रट्टू तोता बना कर क्या हम उनका भला कर रहे हैं..?
क्या वे सामना कर पाएंगे जीवन के संघर्षों का..?
कोई कोचिंग संस्थान जीवन जीने की कोचिंग नहीं देता..न कोई वन वीक सीरीज उपलब्ध है..न ही जीवन बहुवैकल्पिक वस्तुनिष्ठ प्रश्न पत्र है कि टिक लगाया और हो गया..
बच्चों के शुभचिंतक हैं तो उन्हें मजबूत बनाइए।
शॉर्टकट मत ढूँढिए..
समय दीजिए..

🙏

~अक्षिणी

सोमवार, 7 मार्च 2022

बेटी..

बात आधी हो के 
अधूरी हो कोई..
धीर की आस सी 
पूरी हो तुम..

स्वर्ग से उतरी हो के
चंद्र की कनी ही कोई
शाख पे खिलती हो के 
मिट्टी से बनी हो कोई 

साँच की ढाली हो के
आँच में ढली हो कहीं..
आग से जन्मी हो के
आब से जली हो तुम..

मिली जो नहीं मुझ से कभी 
अजन्मी वो बेटी हो कोई?
बलिदानों का प्रारब्ध
के बलिवेदी हो कोई,

शक्ति हो,सामर्थ्य हो के
श्रद्धा और सबूरी हो तुम..
माँ की आँखों की एक
आस अधूरी हो कोई..

ओस की बूँद सी
बर्फ सी धुली हो तुम..
मौन की धूँध में
नाद सी घुली हो तुम..

युगों-युगों से कर रही 
धरा को धन्य जो
जन्मों-जन्मो़ं से
त्याग की देवी हो तुम..


सभ्यता का आधार
संस्कृति की धुरी हो तुम..
गर्व हो तुम, मान भी
अर्घ्य की अंजुरी हो तुम..


~अक्षिणी