शनिवार, 29 सितंबर 2018

कुछ लोग..

कुछ यूँ ही खाने का दिखावा
किया करते हैं कुछ लोग..
खाने को होता कुछ नहीं..
पानी पर जिया करते हैं कुछ लोग..

कहने को बेमुरव्वत से हैं,
नारों संग चिल्लाते नहीं कुछ लोग..
वतन पे आए तो
जां से गुजर जाया करते हैं कुछ लोग..

सोचते नहीं जरा,
बेबाक जिया करते हैं कुछ लोग..
अपनी पे जो आए तो
बेख़ौफ सच कह जाया करते हैं कुछ लोग..

पहचानते नहीं ज़रा,
नज़र चुरा निकल जाते हैं कुछ लोग..
नज़र में जो आएं जरा
नज़रों से उतर जाया करते हैं कुछ लोग..

अक्षिणी

शनिवार, 22 सितंबर 2018

वज़ूद..

साथ वज़ूद हो न हो उसका
कुरबत ज़रूरी है ऐ ज़िंदगी,
कहने को दिखता नहीं ख़ुदाया,
साँस साधे है अहसास-ए-बंदगी..

अक्षिणी

फनाकर गया..

कशमकश,वो आब-ए-उम्र या के
परस्तिश गज़ब फना कर गया
अज़ब जुस्तज़ू यूँ अता कर गया,
गो ज़िंदगी वो सज़ा कर गया..

अक्षिणी

शुक्रवार, 21 सितंबर 2018

फिर किसी रोज..

चार कतरे रोज
ज़िंदगी के,
चुराती हूँ..
लम्हा लम्हा ,
परत दर परत,
सँभालती हूँ
छूती हूँ ,

आँखों की कोरों से
सहलाती हूँ
काँपते पोरों सें..
कुछ देर और..

सहेज कर रख देती हूँ
यादों कों..
फिर किसी रोज
जीने के लिए..

अक्षिणी

रविवार, 16 सितंबर 2018

जन्मदिन

जन्मदिन की अनेकानेक शुभकामनाएं प्रधानमंत्री महोदय
हमारा सौभाग्य है कि आप जैसे कर्मठ,समर्पित और निष्ठावान व्यक्ति हमारे प्रधानमंत्री हैं
आपके द्वारा किए गए जनोपयोगी कार्यों  के लिए आभार
कामना है कि आप स्वस्थ एवं दीर्घायु रहें और राष्ट्र का नेतृत्व निर्बाध रूप से करें
@narendramodi

राष्ट्र आपके नेतृत्व में उत्तरोत्तर प्रगति की ओर अग्रसर हो
पिछड़ों का कल्याण हो और अगड़ों के साथ न्याय हो
सभी धर्मों का सम्मान हो,अल्पसंख्यकों को अधिकार मिले और बहुसंख्यकों के हितों की सुरक्षा हो
बेटियाँ पढ़ें,बढ़े, बेटों को समुचित सम्मान मिले
जन्मदिन की शुभकामनाएं
@narendramodi

राष्ट्र की सैन्य बल का मनोबल बना रहे
सेनाएं सुसज्जित और सन्नद्ध रहें
राजकीय कोष और समृद्ध हो
देशवासियों की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ हो
बेघर को घर मिले,बेकार को काम
आतताइयों का नाश हो
माल्या, नीरव पैसा लौटाएं
पेट्रोल और डीजल के दामों पर लगाम लगे
जन्मदिन की शुभकामनाएं
@narendramodi

उत्तर से दक्षिण,पूरब से पश्चिम
देश एक रहे..
दूसरे भी छोटे मोटे,
बहुत काम हैं पर पहले
राम जी का धाम बने
कश्मीर का काम बनें
2019 के चुनावों में,
धुआँधार विजय मिले
जयश्रीराम..

जन्मदिन की शुभकामनाएं..
@narendramodi
अक्षिणी

शुक्रवार, 14 सितंबर 2018

हैप्पी हिन्दी डे..

हमारी हिन्दी..
सर्वरूप अलंकार लिए
चंद्रबिंदु अनुस्वार लिए
स्वर व्यंजन की झंकार लिए
सब रूपक रूप श्रृंगार किए
साहित्य सृजन का भार लिए
आँचल में रचना संसार लिए
पद सम्मान को तृषित
अपने अधिकार से वंचित
एक रूपवती भिखारिन सी
एक भटकी बंजारिन सी
हमारी ओर देख रही है
और कह रही है
"हैप्पी हिन्दी डे"

अक्षिणी

गुरुवार, 13 सितंबर 2018

तन्हाई


मेरे आईने में ज़िंदा
बस इक तन्हाई है..
तस्वीर नहीं कोई,
तहरीर नहीं कोई,
बस धुंध सी छाई है..
शबनम सी शीशों में,
एक आह उभर आई है..

अक्षिणी

मेरा होना..

कहने को ऐ ज़िंदगी ,
तू बड़ी हसीन है..
वाकई मेरे वज़ूद का,
ज़ुर्म बड़ा संगीन है..
परखती है मुझे,
हर निगाह हरदम..
फहरा देती है मेरी,
कमज़र्फी का परचम..
होने को तो मेरा होना
माने नहीं रखता..
हाँ मेरे होने पे,
सवाल लाज़मी है..
और ज़िंदा रहने पे,
बवाल लाज़मी है..

अक्षिणी

काले धंधे


माना कि काले इनके धंधे हैं,
मगर कानून भी तो अंधे है ..
न्याय के रक्षा को जो बैठे,
वो भी तो इनके ही बंदे हैं..

अक्षिणी

गुरुवार, 6 सितंबर 2018

फिर नई इक मशाल जला..

ले विश्वास तू साथ सदा,
फिर नई इक मशाल जला..

जो चल पड़े तो जीत है,
जो रुक गए तो हार है..
जो बढ़ चले वो वीर हैं..
जो चुक गए, बेकार हैं..

रणछोड़ नहीं,रणजीत है तू,
जंजीर छुड़ा,शमशीर उठा..
फिर नई इक मशाल जला..

जो कर्म तेरे साथ है,
तो साथ तेरे नाथ है..
सो कर्म को प्रधान कर,
लक्ष्य को प्रयाण कर..

फिर नई ललकार जगा,
फिर नया यलगार उठा..
फिर नई इक मशाल जला..

अक्षिणी

रविवार, 2 सितंबर 2018

कोई रोको ना..

कोई रोको ना
नमकहरामों को
इन्हें गाने दो गीत गद्दारों के
ये फलते आए नमकहरामी से
कोई रोको ना
अरुंधती राॅय को
ये कहती आई बात हत्यारों की
कोई रोको ना
इन खबरचियों को
ये लिखते आए गीत नक्सल के
ये बिकते आए हाथ दुश्मन के
पालो
पोसो
आस्तीन के साँपों को
और कटने दो इसे
देश तो गरीब की गाय है.
अक्षिणी

कृष्ण भगवन् तुम..

नंदनंदन तुम,नित्य वंदन तुम
सौम्य वदनम् तुम,शुभ्र चंदन तुम..

सर्व भूपम् तुम ,विश्व रूपम् तुम 

सत्य दर्पण तुम, योग दर्शन तुम..

गोपगोविंदम्, मुग्ध नर्तक तुम
कष्ट मोचन ,मन के मोहन तुम..

सौम्य सृजनम्,भक्त वत्सल तुम
दिव्य दर्शन तुम,दृश्य रचनम् तुम..

दीनहीन हम,ज्ञानहीन हम
सबके अर्चन् तुम ,कृष्ण भगवन् तुम..


अक्षिणी