शनिवार, 24 जून 2017

सफर..

सुबह और शाम का ये सफर,
चलता रहे मन हो के बेखबर..
तेरी रहमत पे हो मुझको यकीं,
मेरी हस्ती पे रहे तेरी नजर..

अक्षिणी

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