सोमवार, 27 फ़रवरी 2017

तू देश हेतु जी..

नौजवान हिंद के तू देश को प्रणाम कर,
देश हेतु काम कर, तू देश हित में जी,

ये आज की चुनौतियाँ,
न तीर है न बाण है , न जंग है जो जान दे.
तू देश हित में जी..

हो लक्ष्य पै निगाह अब,
न राह से भटक कहीं, तू व्यर्थ में अटक नहीं.
तू देशहित में जी..

है मुश्किलों का दौर ये,
हौसलों से काम कर,जो रूक गये तो हार है.
तू देशहित में जी..

नौजवान हिंद के तू देश को प्रणाम कर,
देश हेतु काम कर, तू देशहित में जी..

अक्षिणी भटनागर

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