मंगलवार, 17 जनवरी 2017

इंसानियत

कह तो दें इंसानियत पे इंतिहां बहुत कुछ,
अगरचे कहीं दिखाई तो दे.
खरीद लेते हैं इसे चंद टुकड़ों में
इसकी बोली कहीं सुनाई तो दे.

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