बुधवार, 12 जुलाई 2017

खबर..

आदमी मर जाए तो खबर बनती नहीं,
हो तहलका तभी खबर बननी चाहिए..

हर खबर में सनसनी होनी चाहिए..
हर खबर से खलबली होनी चाहिए..

दाल रोटी की खबर बनती नहीं,
हर खबर अब चटपटी होनी चाहिए..

लाश बच्चों की गिरे तो खबर कैसे बने?
औरतें बिक जाए तो खबर बननी चाहिए..

है खबर बाज़ार में अब कैसे चले,
बिक सके सरकार तो खबर बननी चाहिए..

अब खबर इंसान की चलती नहीं,
हो आदमी हैवान तो खबर बननी चाहिए..

अब अमन की खबर चलती नहीं,
तो मज़हबी शैतान की खबर बननी चाहिए..

ना खबर मिल पाए तो कैसे चले?
खून की होली जलाओ,
आग महफिल में लगाओ,
कुछ खबर बननी चाहिए..

अक्षिणी

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