शनिवार, 26 अगस्त 2017

आस्था

वो जो राम और रहीम हुआ चाहते थे,
आदमी हो नहीं पाए ख़ुदा हुआ चाहते थे..

झूठी आस्था के अंधे ये लोग,
देश का दामन दागदार किये जाते हैं,
मनुष्य नहीं बन पाए जो लोग,
उन्हें भगवान किए जाते हैं..

आज फिर देश का दामन शर्मसार हुआ है,
आज फिर चली हैं गोलियाँ अपनों पर..
फिर लग गया है एक और प्रश्न चिन्ह,
समृद्ध और खुशहाल भारत के सपनों पर..

अक्षिणी

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